सिर्फ 15 दिन पीजिए गिलोय का जूस, कई बीमारियों से मिलेगा छुटकारा

गिलोय का जूस

भारतीय आयुर्वेद में गिलोय (Tinospora cordifolia) को अमृता कहा गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – अमृत। यह एक ऐसी चमत्कारी जड़ी-बूटी है जो शरीर को न केवल अंदर से मजबूत बनाती है, बल्कि कई बीमारियों की जड़ को भी खत्म करने में सहायक होती है। अगर आप 15 दिनों तक नियमित रूप से गिलोय का जूस पीते हैं, तो इसके फायदे आपको खुद महसूस होने लगेंगे।

आइए जानें कि कैसे गिलोय का जूस आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है और किन बीमारियों में यह रामबाण की तरह काम करता है।

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाता है

गिलोय प्राकृतिक इम्यून बूस्टर है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे आप सामान्य सर्दी-जुकाम, वायरल बुखार और मौसमी संक्रमण से बचे रहते हैं।

2. पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है

अगर आपको अपच, गैस या एसिडिटी की समस्या है, तो गिलोय का जूस बहुत फायदेमंद हो सकता है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है और आंतों की सफाई में भी सहायक होता है।

3. डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक

गिलोय हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूप में काम करता है, जिससे यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। टाइप 2 डायबिटीज के रोगी नियमित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है।

4. बुखार और डेंगू में लाभकारी

गिलोय प्लेटलेट काउंट को बढ़ाने में मदद करता है, इसलिए इसे डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों में बहुत फायदेमंद माना गया है। यह शरीर में संक्रमण से लड़ने की ताकत देता है।

5. जोड़ों के दर्द में राहत देता है

गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गठिया (Arthritis), जोड़ों के दर्द और सूजन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। गिलोय का रस नियमित रूप से पीने से सूजन कम होती है।

6. त्वचा को करता है साफ और चमकदार

गिलोय का रस खून को शुद्ध करता है, जिससे मुंहासे, दाग-धब्बे और अन्य स्किन प्रॉब्लम्स दूर होती हैं। यह शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है।

गिलोय का रस पीने का सही तरीका

  • रोज सुबह खाली पेट 20–30 ml गिलोय जूस गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।
  • बेहतर परिणाम के लिए इसे लगातार 15 दिनों तक सेवन करें।
  • बच्चों या बुजुर्गों को देने से पहले आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

सावधानियां जो रखनी चाहिए

  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
  • अधिक मात्रा में सेवन से उल्टी या पेट दर्द हो सकता है।
  • अगर आप पहले से किसी दवा पर हैं, तो डॉक्टर से चर्चा करें क्योंकि गिलोय कुछ दवाओं के प्रभाव को बढ़ा सकता है।

निष्कर्ष

गिलोय एक बहुपयोगी औषधि है जो शरीर को अंदर से डिटॉक्स कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है। सिर्फ 15 दिनों तक नियमित रूप से इसका जूस पीने से न केवल शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है, बल्कि कई पुराने रोगों से भी राहत मिलती है। प्राकृतिक उपचार की तलाश में गिलोय एक भरोसेमंद साथी साबित हो सकता है।

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